18

I hate my body!

Ch

इस वक्त शिवांगी और मृत्युंजय एक-दूसरे के बेहद करीब खड़े थे। मृत्युंजय का हाथ शिवांगी की कमर पर था, और उनके बीच बस हल्की सी जगह बची थी। वह उसकी गौर-मखमली त्वचा को निहारते हुए कहीं खो गया था। उसकी ओर देखते ही वह बेपरवाह हो गया और धीरे-धीरे अपने होंठ उसकी ओर बढ़ाने लगा।

Write a comment ...

Aadat ✨✨

Show your support

Want to entertain you with my dark books

Recent Supporters

Write a comment ...

Aadat ✨✨

𝐈 𝐰𝐫𝐢𝐭𝐞 - 𝐲𝐨𝐮 𝐞𝐱𝐩𝐥𝐨𝐫𝐞 ✨🌈™