
मोक्ष अपने कंधे, सीने और बाजू पर अच्छे से रंग लगा चुका था, और अब वह धीरे-धीरे श्रावणी के ऊपर झुकता जा रहा था। श्रावणी का दिल काफ़ी तेज़ी से धड़क रहा था। उसके दोनों हाथ मोक्ष के कंधे पर आ गए। मोक्ष ने अपने आप को धीरे-धीरे उसके ऊपर झुकाना शुरू किया, फिर एकदम से उसके सीने से अपने सीने को रगड़ने लगा। उसकी बाजू, श्रावणी की बाजू से टकराने लगी। उन दोनों के कंधे भी आपस में एक-दूसरे को चूमने लगे और दोनों के शरीर से निकलती हुई गर्मी एक अलग सी इंटेंसिटी और माहौल को काफ़ी हॉट बना रही थी। जिस तरीके से मोक्ष अपना सीना श्रावणी के चेस्ट से रगड़ रहा था, श्रावणी की आहें निकल रही थीं। हल्का-हल्का पेन हो रहा था उसे, क्योंकि मोक्ष बहुत भारी था। श्रावणी ने अपने हाथों को अच्छे से उसके कंधे पर रखा और अपनी नाखूनों को उस पर गड़ाने लगी। उसके हाथ भी उन दोनों के कंधों के बीच में लगभग दब गए थे, और उसकी उंगलियां तक कांपने लगी थीं।
मोक्ष ने हल्का सा चेहरा उसके चेहरे पर झुकाया और उसके कान के पास आते हुए बोला, “Feeling better, dearest wifey?”

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