
ट्रायल रूम में संकल्प अभी भी गजल के पास झुका हुआ था। वह उसके पैरों के पास झुका था, अभी भी अपनी इंटेंस और रोमांटिक हरकतें गजल की pussy पर कर रहा था। गजल उसकी हरकतों से बेचैन होती जा रही थी। उसने एक हाथ से अपना चेहरा और दूसरे हाथ से अपनी ब्रेस्ट को कसकर पकड़ लिया और उसे प्रेस करने लगी, साथ ही अपने मुंह से हल्की-हल्की आहें भरने लगी। वह अपनी आवाज़ को जितना हो सके उतना दबाने की कोशिश कर रही थी, क्योंकि अगर गलती से भी आवाज़ बाहर जाती तो सबको पता चल जाता कि अंदर कोई कपल है और बहुत बातें होतीं। और अगर गलती से भी यह बात योगिता जी या नेहा को पता चल जाती, तो बात का बतंगड़ बनते देर नहीं लगती।

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