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Arrangements for special night

जैसे ही ह्रदय ने गार्गी और रितेश को ग्रीन रूम की ओर जाते देखा, अमित ने कुछ कहने की कोशिश की। लेकिन तभी ह्रदय का फोन बजने लगा। स्क्रीन पर देखा, घर से माँ का कॉल था। उसने कॉल उठाया, लेकिन उधर से माँ की नहीं, बल्कि एक बुज़ुर्ग मर्द की आवाज़ आई, "तुम्हारा भाई तो पहले ही सगाई कर चुका है, और एक महीने में उसकी शादी भी है। तुम कब करोगे? खुद किसी को ढूंढा है या हम यह मेहरबानी करें?"

ये आवाज़ उसके दादाजी, प्रद्युम्न रेड्डी की थी।

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